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Sunday, October 31, 2010

कुछ नहीं ...........!

अक्सर जब वो,
कुछ बाते करते हें ,
तो पता नहीं ऐसा क्यों लगता हे ?
की बात मेरे बारे में ही छिड़ी हो ...?
मेरा बहम या,
प्यार का पागलपन
जब उनसे पूछो हसने की बजह ,
तो उनका कहना .........!
"कुछ नहीं "
दिल में पता नहीं क्यों ?
एक तूफान मचा जाती हैं.....!
पर उनका ये अल्फाज़ .....
मेरे दिल को बहुत भाता हैं .......!