देखकर दुनियां की नीति
राजनीति, कूटनीति
आला अफसरों की भ्रष्ट नीति,
व्याप्त इस रास्त्रमंडल में ,
नेताओ की पक्ष नीति
खो रही है अपनी गरिमा
वेद की आचार नीति ,
चुप पड़ी है, ज्ञान का भंडार
वो चाणक्य नीति ,
भ्रष्टता
के इस जहाँ में ,
इंसानियत तो चंद है ।
अफ़सोस ....................!
इतना जानकर ...!
"मेरा कलम क्यों बंद हैं ....?"
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