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Thursday, March 4, 2010

तलाश आईने की ! ?????

मुझे तलाश है ,
एक आईने की ,
जिसमे मेरा वो रूप दिखे,
जिसे केवल मैं जानता हूँ ,
वह पारदर्शिता झलके
जिसे मैं मानता हूँ
मुझे तलाश है
एक आईने की
जो मेरी कुरूपता को दिखाए,
ताकि सुन्दरता मुझे खिंच न ले अपने
अंहकार के साये में
मुझे तलाश है
एक आईने की
जिसमे मैं अपना वासतविक रूप देख सकूँ
समझ सकू संसार में मेरा,
अस्तित्व क्या है ?

मुझे तलाश है
एक आईने की जो मुझे बताये
प्यार की परिभासा
क्योंकि मैं आकर्षण में जी रहा हूँ
मुझे तलाश है
एक आईने की जिसमे सभ्यता , संस्कृति ,
भारतीयता की एक सुंदरतम छवी हो
क्योंकि मैं इसे
खो चूका हूँ

मुझे तलाश है
एक आईने की
जो मुझे आजादी
का मतलब बताये
क्योंकिं हम गुलाम है ,
अपनी आदतों के



1 comment:

  1. बहुत ही अछे जज़्बात हैं और बयान का तरीका व भाषा पर पकड़ अच्छी लगी |

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