Click here for Myspace Layouts

Wednesday, September 29, 2010

धर्मांध


आज फिर लोग परेंशा क्यों हें !

क्या हमारा देश फिर सुलगने वाला हे ?
देश का हर वर्ग....! जानना चाहता हे की ........!
जीत आखिर किसकी होगी ...
राम की या रहीम की .....................?

आखिर ये धर्मांध,
कब समझ पाएंगे कोई भी हारे ॥!
असली हार तो मानवता की होगी

हम सिर्फ ब्याख्यान देते हे ,
" इश्वर एक हैं "
अमल नहीं करते !
अगर अमल करते तो ,
आज ये नौवत ही नहीं आती ...?

अगर वास्तव में इश्वर एक हें ,
तो न राम और न ही रहीम की हार होगी !
ये इश्वर की हार होगी...!

क्या फर्क पर जायेगा अगर वहां ,
मंदिर बने या मस्जिद ,
अगर हम उस पालनकर्ता के सच्चे हितेषी हे ।!
तो क्यों न ?
वहां ऐसी ईमारत की बुनियाद रखी जाये ,
जो मानवता की सच्ची सेवा कर सके ...?
जिसपे हिन्दू ,मुस्लिम तथा देश के अन्य संप्रदाय को नाज़ हो!

1 comment:

  1. सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे!

    ReplyDelete