Click here for Myspace Layouts

Monday, May 24, 2010

फिर दिल टुटा !!


न जाने क्या माजरा है ?
दिल हमारा खपा - खपा सा हैं !
तन्हाई में ही खुश थे हम
उनकी यादो का एक आसरा है !

वे हमें आजमा रहे थे ,
हम ना समझ,
क्या - क्या समझ रहे थे ?
हमने तो उन्हें फुल समझा ,
पर वो मेरे दिल में कांटे चुभा रहे थे॥!

No comments:

Post a Comment