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Friday, June 4, 2010

बेच डाले !


इमान बेच डाले , जवान बेच डाले ,
चंद कागजी टुकड़ो के खातिर ,
हिंदुस्तान बेच डाले|
हिंदुस्तान में बचा ही क्या है ?
भ्र्स्ताचारी कानून खरीद रहा है ,
तो आओ ,
हम सब मिलकर संबिधान बेच डाले।
सांप्रदायिक दंगे होते है ,
धर्म, मजहब के नाम पर,
मुस्लमान ने पवित्र कुराण बेच दिया है ,
तो आओ ,
हम सब मिलकर गीता , रामायण बेच डाले|
खुले आम रेप होता है,
पर क्या होता हैं ?
वही होता हें जो मंजूरे माफियाँ होता हें |
तो फिर कैसा राम ? कौन सा ईसा , बुद्ध का नाम ?
मुसलिम ने खुदा बेच दिया है ,
तो आओ,
हम सब मिलकर बुद्ध और राम बेच डाले |

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